वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-एसपी ने बताया कि 13 फरवरी को शिव शक्ति गैस एजेंसी के मैनेजर से लूट हुई थी। जिसका पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए लुटेरों को पकड़ा था और कुछ असलहे भी बरामद किए थे। जिस पिस्टल का प्रयोग लूट में हुआ था, वह तेज प्रताप साहनी ने घटना के बाद पकड़े गए लुटेरे अनिरुद्ध को बेचा था।
गोरखपुर जिले में गुलरिहा पुलिस ने एक बार फिर अवैध असलहा की सप्लाई करने वाले चार बदमाशों को दबोच लिया। उनके पास से एक पिस्टल और तीन तमंचा बरामद कर किया गया। लेकिन, आपूर्ति करने वाले अब भी पकड़ से दूर हैं। आरोपियों ने बताया कि वर्तमान में जेल में बंद वीरू से असलहे मिले थे।
पुलिस अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर असल तस्कर को दबोचने का दम भर रही है। फिलहाल, पुलिस ने पकड़े गए चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। आरोपियों को पुलिस ने गुलरिहा के पास से उस समय दबोचा, जब वह लूट की साजिश रच रहे थे।
उधर, पुलिस ने आरोपियों पास से तीन तमंचा, तीन खोखा, एक 315 बोर कारतूस और एक पिस्टल, चार कारतूस, एक खोखा बरामद कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान भेलिनपुर गुलरिहा निवासी तेज प्रताप साहनी, रविंद्र निषाद, सियारामपुर निवासी कमलेश चौहान और रघुनाथपुर निवासी दीपक यादव के रूप में हुई।
शिव शक्ति गैस एजेंसी के मैनेजर से की थी लूट
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी और एएसपी मानुष पारिक ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी। एसपी ने बताया कि 13 फरवरी को शिव शक्ति गैस एजेंसी के मैनेजर से लूट हुई थी। जिसका पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए लुटेरों को पकड़ा था और कुछ असलहे भी बरामद किए थे।
जानकारी मिली थी कि जिस पिस्टल का प्रयोग लूट में हुआ था, वह तेज प्रताप साहनी ने घटना के बाद पकड़े गए लुटेरे अनिरुद्ध को बेचा था। पूछताछ में असलहा तस्करी में पकड़े गए सप्लायर तेज प्रताप ने बताया कि वह अपने साथी रविंद्र निषाद, कमलेश के साथ मिलकर असलहा बेचता है। उसे यह असलहा चिलुआताल के शेखपुरवा निवासी वीरू सिंह उर्फ हर्ष सिंह मुहैया कराता है।
तेज प्रताप ने एक पिस्टल दीपक यादव को तथा एक पिस्टल पूर्व में गिरफ्तार बदमाश अनिरुद्ध को बेचा था। पुलिस के अनुसार, इन तस्करों को असलहा मुहैया कराने वाला वीरू सिंह इस समय डकैती के आरोप में 24 जनवरी से जेल में बंद है। उससे पूछताछ कर असली तस्कर तक पहुंचा जाएगा। एसपी ने बताया कि आरोपी व्हाट्सएप पर असलहे की फोटो भेजकर पहले पसंद कराते थे, फिर बेचने जाते थे।
30 हजार में बेचते थे पिस्टल
एसपी नार्थ ने बताया कि जय प्रताप पहले व्हाट्सएप पर असलहे की फोटो भेजकर पसंद कराता था। फिर डील पक्की कर साथियों संग मिलकर सप्लाई करता था। वह एक पिस्टल 30 हजार में और एक तमंचा 10 हजार में बेचता था। हर पिस्टल व तमंचे पर उसे दो से तीन हजार का फायदा होता था। पुलिस अब मुख्य सप्लायर जेल में बंद वीरू से भी पूछताछ करेगी। इसके बाद आपूर्ति वाले तक पकड़ने की कोशिश करेगी।