वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-बीते 50-60 घंटे से बिजली सकंट का सामना कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल वापस हो गई है। बिजली कर्मचारियों ने समय से पहले हड़ताल वापस ले ली है।
बीते 50-60 घंटे से बिजली सकंट का सामना कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल वापस हो गई है। बिजली कर्मचारियों ने समय से पहले हड़ताल वापस ले ली है। वाराणसी स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम कार्यालय के बाहर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। वहीं, हड़ताल वापसी की खबर के बाद आम जनता ने राहत भरी सांस ली है।
कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के साथ हुई वार्ता में उनकी मांगों को जल्द मान लेने की बात कहे जाने पर हर्ष व्यक्त किया है। हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ ही विद्युत कर्मियों ने अपने हड़ताल को वापस लेने का एलान किया। गुरुवार रात 10 बजे शुरू हुई हड़ताल को दोपहर बाद खत्म खत्म करने का रविवार दोपहर बाद किया गया।
बिजली कर्मचारियों ने रविवार रात 10 बजे तक हड़ताल पर रहने की घोषणा की थी। इसके बाद शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जारी बिजली संकट को दूर करने की कार्रवाई शुरू की गई है। कई स्थानों पर बिजली व्यवस्था को रिस्टोर कर लिया गया है। जबकि कई जगह प्रोसेस में है। डिस्कॉम के अधिकारियों के मुताबिक, बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बिजली-पानी को बिलबिलाए लोग
हड़ताल के दौरान वाराणसी जिले में कहीं 30 तो कहीं 40 तो कहीं 60 घंटे तक बिजली नहीं रही। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हाहाकर मच गया। कई गांव-मोहल्लों में 36-40 घंटे से बिजली गुल होने के कारण अभी लोग नहाने-खाने तक के पानी के लिए परेशान रहे। बिजली आपूर्ति ठप होने से उत्पन्न पेयजल किल्लत अब व्यापक जनाक्रोश की वजह बनती दिखी।
स्नान और कपड़ा धुलाई के लिए बड़ी संख्या में आबादी ने गंगा की ओर रुख किया। रविवार को शहर के कई हिस्सों में स्थानीय लोगों ने खाली बाल्टियां लेकर चक्का जाम कर दिया। इससे लंबा जाम लग गया। वाराणसी में सपा समेत अन्य दलों ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शहर के ज्यादातर मोहल्लों में जलापूर्ति करने वाले नलकूपों को स्थानीय उपकेंद्रों से बिजली मिलती है। विद्युत कर्मियों की हड़ताल के बाद से कई उपकेंद्रों से बिजली नहीं मिली। इससे मोहल्लों में हाहाकार की स्थिति है। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाया पर लोग नहीं माने। उनका कहना था कि बिजली कर्मचारियों और सरकार के बीच लड़ाई में आम लोग पिस रहे हैं।
बिजली आपूर्ति ठप होने से सबसे बड़ी मुसीबत नगर क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी के लिए हुई। सुबह होते ही पानी के लिए मारामारी की नौबत पैदा हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी आपूर्ति ठप होने से लोगों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ी।