वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-मुख्यमंत्री का शहर होने की वजह से बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास से लेकर नई सुविधाओं की सौगात हासिल करने तक में गोरक्षनगरी पूरे साल रथ पर सवार रही। वर्ष के शुरूआती तीन महीने विधानसभा चुनाव में निकल जाने के बावजूद इस साल मुख्यमंत्री ने करीब 4200 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें से कुछ परियोजनाएं ऐसी भी रहीं जो समय से पूरी नहीं हो सकीं। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास इस साल हुआ है उनमें से अधिकतर का लोकार्पण अब अगले साल होने की उम्मीद है।
गुजरते साल में मुख्यमंत्री ने जिले में करीब 4200 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगत जनपद वासियों को है। इनमें से कई परियोजनाएं आने वाले वर्षों में पूरी होंगी, लेकिन इनकी शुरूआत होने से जिले का तेजी से विकास होता दिखाई दे रहा है।
जिले को टीपी नगर से पैडलेगंज तक पहले सिक्स लेन फ्लाईओवर का तोहफा मिला है। इसका शिलान्यास हो हो गया है लेकिन अभी निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इसके बन जाने से इस क्षेत्र में लगने वाले जाम से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
पैडलेगंज से नौसड़ तक जिले का पहला सिक्स लेन बन रहा है। निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक इसे पिछले साल पूरा हो जाना था, लेकिन नहीं हो पाया। अब यह नए साल में ही पूरा हो पाएगा। साल के अंत में देवरिया बाईपास, पैडलेगंज से फिराक गोरखपुरी चौराहा और नौकायन से लेकर देवरिया बाईपास तक की सड़क को भी फोरलेन किए जाने को मंजूरी मिल गई है। खजांची चौराहे पर फ्लाईओवर भी मंजूर हो गया है। इनके पूरा होने से शहर में जाम की समस्या से काफी निजात मिल सकती है।
जाम से नहीं मिली राहत
सोमवारी जाम का दाग गोरखपुर के माथे पर चिपका है तो सामान्य दिनों में भी लगने वाले जाम में लोग हांफ जा रहे हैं। इसका समाधान इस साल भी नहीं हो पाया है।
फाइल से नहीं निकल पाई रेल परियोजना
मेट्रो परियोजना को राज्य से लेकर केंद्र के कुछ बड़े विभागों से मंजूरी तो मिली लेकिन इस साल यह फाइलों से निकलकर जमीन तक नहीं पहुंच सकी।
महायोजना भी अधूरी
शहर के सुनियोजित विकास को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की नई महायोजना-2031 इस साल भी वजूद में नहीं आ सकी। महायोजना के प्रारूप को लेकर आपत्तियों की झड़ी लग गई, जिसके निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है।
गोड़धोइया नाले का होगा जीर्णोद्धार
शहर के सबसे लंबे नाले गोड़धोइया के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण के लिए भी मंजूरी मिली। नवंबर में मुख्यमंत्री ने इसका शिलान्यास किया। 474 करोड़ की लागत से बनने वाले नाले का निर्माण कार्य पूरा होने से करीब आधे शहर में जलभराव की समस्या कम हो जाएगी।
देवरिया बाईपास सीसी नाला रह गया अधूरा
हालांकि, देवरिया बाईपास किनारे बन रहा 2400 मीटर लंबा सीसी नाला, प्राथमिकता में होने के बाद भी समय से पूरा नहीं हो सका। इसका निर्माण पिछले साल अक्तूबर में शुरू हुआ था। इसे 21 अक्तूबर 2022 तक पूरा करना था।
महंत अवेद्यनाथ स्टेडियम, प्रेक्षागृह शुरू
इस साल खिलाड़ियों को 10.16 करोड़ की लागत से जंगल कौड़िया में महंत अवेद्यनाथ स्टेडियम और 5.80 करोड़ की लागत से प्रेक्षागृह की भी सौगात मिली।
जिले को मिला प्रदेश का पहला इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट
गीडा में 16.50 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कॉलेज बनेगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा इंस्टीट्यूट होगा। इसे 2022 में मंजूरी मिली और गीडा में जमीन चिह्नित कर ली गई है। इस संस्थान में प्रवेश लेने वाले छात्रों को कम खर्च पर होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
गोरक्ष एन्क्लेव और रोहिणी का मिला तोहफा
जीडीए ने अपना वादा पूरा करते हुए इस साल दो आवासीय योजनाओं को लांच किया। इसमें न केवल पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की बल्कि इनका निर्माण भी शुरू करा दिया। इनमें रामगढ़ताल परियोजना क्षेत्र स्थित गोरक्ष एन्क्लेव को लोगों ने सबसे ज्यादा पसंद किया। इसी तरह मानबेला में आमजन के साथ ही डॉक्टर, अधिवक्ता और पत्रकारों को विशेष ध्यान में रखते हुए जीडीए ने रोहिणी आवासीय योजना की शुरूआत की।
कम्हरिया घाट पुल बनने से प्रयागराज की यात्रा 80 किमी कम हुई
गोरखपुर-आंबेडकरनगर जिले के मध्य घाघरा नदी पर कम्हरिया घाट पुल का निर्माण इसी साल पूरा हुआ। 194 करोड़ की लागत से बने इस पुल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 अगस्त 2022 को लोकार्पण किया। अब गोरखपुर से प्रयागराज की यात्रा करीब 80 किमी कम हो गई है। इसके निर्माण से आंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संतकबीरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संतकबीरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ आदि जिले के लिए भी परिवहन का नया विकल्प मिल गया।