वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के दावे पर अदालत द्वारा ईदगाह की अमीन सर्वे की रिपोर्ट से मुस्लिम पक्ष सन्न रह गया है। आखिर अमीन रिपोर्ट की मांग के बाद इतनी हलचल क्यों बढ़ गई है। जानतें हैं ये पूरा मामला..., वैसे बता दें करीब आधा दर्जन से अधिक वादकारी दावा दायर करने के बाद अदालत से अमीन रिपोर्ट की मांग कर चुके हैं। यह अधिकतर वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में चल रहे हैं। उन्होंने इसकी जानकारी होने से इंकार कर दिया है। उधर, अन्य दावाकर्ताओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय की अदालत द्वारा अमीन रिपोर्ट मंगाए जाने के आदेश का स्वागत किया है।
आलीगांव सरिता विहार दक्षिणी दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता भगवान बाल श्री कृष्ण विराजमान ठाकुर केशवदेव को वादी बनाकर खुद भक्त की हैसियत से दावाकर्ता बने हैं। उनके साथ हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ग्राम बेरहमपुर, फाजिलपुर गुरुग्राम हरियाणा निवासी सुरजीत सिंह यादव भी मुकदमे में वादी के तौर पर हैं। उन्होंने दावे में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर मौजूद ईदगाह को हटाने की मांग की है। दावे में इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद के सचिव, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष चेयरमैन, श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रस्टी, श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान पूर्व नाम श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।
पहले समझें कैसे मिली 13.37 एकड़ जमीन ट्रस्ट को
दावे में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का इतिहास बताते हुए कहा गया है कि भगवान श्री कृष्ण के बाद उनके प्रपौत्र ब्रजनाभ ने उक्त स्थल पर भगवान श्री कृष्ण का मंदिर बनवाया। हूण, कुशांक के हमलों में ध्वस्त मंदिर को सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने बनवाया, जिसे आक्रांता महमूद गजनबी ने वर्ष 1017 ईसवी में क्षतिग्रस्त कर दिया। महाराज विजयपाल तौमर के शासनकाल में हिंदू जाट शासक जाजन उर्फ जज्ज सिंह जोकि मथुरा के मगोर्रा के सामंत शासक थे, तीसरी बार मंदिर का निर्माण 1150 ईसवीं में कराया। इस मंदिर को आक्रांता सिंकदर लोदी ने 16वीं सदी में क्षतिग्रस्त कर दिया। 1618 ईसवीं में ओरछा के राजा बुंदेला राजावीर सिंह जूदेव ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर का निर्माण कराया। 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करा दिया और जहां श्रीकृष्ण का जन्म हुआ उस चबूतरे पर ईदगाह का निर्माण करा दिया।
नीलाम हुई थी जमीन
1803 ईसवीं में मराठों को परास्त कर अंग्रेज मथुरा आए और ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1815 ईसवीं में कटरा केशवदेव की भूमि रकवा 13 एकड़ 37 डेसीमल को खुली नीलामी में बेचा और यह जमीन बनारस के राजा पटनीमल ने खरीद ली। राजा पटनीमल अपने जीते जी मंदिर न बनवा सके। पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो उन्होंने जन्मस्थान की दुर्दशा देखी। तत्काल उद्योगपति जुगल किशोर बिरला के माध्यम से राजा पटनीमल के उत्तराधिकारियों से जमीन ली और 1951 में जुगल किशोर बिरला ने ट्रस्ट की स्थापना कर वर्तमान मंदिर का निर्माण कराया।
करीब एक दर्जन दावे चल रहे हैं अदालत में
न्यायालय में करीब एक दर्जन वाद श्री कृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण को लेकर चल रहे हैं। इनमें से जिन मुकदमों की सुनवाई प्रारम्भ हो चकी हैं। उनमें से अधिकतर ने ईदगाह की अमीन कमीशन सर्वे की रिपोर्ट की मांग की है परंतु सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने बजाए अमीन रिपोर्ट मंगाने के केस के स्थायित्व संबंधी बिंदु पर बहस के आदेश दिए हैं। जिसे लेकर मनीष यादव के वाद में इस प्रकार की बहस चल रही है। इस वाद में 7/11 पर बहस जारी है। जबकि अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी के वाद में इस प्रकार के आदेश के खिलाफ अधिवक्तागण ने जिला जज की अदालत में अपील की है। इस अपील की सुनवाई एडीजे षष्टम की अदालत में चल रही है।
7/11 पर बहस की मांग
वहीं अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा के मामले में ईदगाह पक्ष ने 7/11 पर बहस की मांग की है, जबकि राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने ईदगाह के अमीन सर्वे की मांग की है। इसके अलावा अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, ठाकुर केशवदेव के सेवायत पवन शास्त्री, गोपाल गिरी के वाद में विपक्षियों को नोटिस संबंधी प्रक्रिया चल रही है। अन्य वाद में भी अभी विपक्षियों की नोटिस दिये जाने की प्रक्रिया जारी है।
अमीन ईदगाह के अंदर जाकर करेंगे सर्वे और कोर्ट को देंगे रिपोर्ट
वादीगण के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि न्यायालय ने आदेश किया है कि उभय पक्ष (प्रतिवादीगण) को सूचित करते हुए विवादित स्थल का निरीक्षण कर आख्या, मानचित्र 20 जनवरी तक न्यायालय में प्रेषित करना सुनिश्चित करें। अदालत ने वादीगण को तीन दिन के अंदर आवश्यक पैरवी करने को कहा है। उन्होंने बताया कि चूंकि जिस स्थान पर ईदगाह बनी है, उस स्थान पर इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं कि वहां पर पहले भगवान श्री कृष्ण का मंदिर था, इसलिए किसी भी सुनवाई को शुरू करने से पहले अदालत ने अमीन रिपोर्ट के आदेश किए हैं। उन्होंने बताया कि अमीन ईदगाह के अंदर विवाद से संबंधित रिपोर्ट पेश करेंगे।