वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई हैं। जिसमें श्रीकांत शर्मा को यूपी का भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने की बधाई दी गई हैं। बधाई देने वाले कोई और नहीं बल्कि भाजपा के विधायक थे।
दूसरी बार सत्ता में आई भाजपा सरकार में मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की जो चर्चा शुरू हुई वह अभी भी जारी है।
सोशल मीडिया तो श्रीकांत शर्मा को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की बधाईयां भी मिलने लगी हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई के कुछ पोस्ट भी वायरल हुए हैं।
जिसमें साफ लिखा है कि श्रीकांत शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलने की ढेर सारी बधाई। श्रीकांत शर्मा को बधाई देने का सिलसिला सुबह से लेकर शाम तक जारी रहा।
श्रीकांत को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई कोई और नहीं बल्कि भाजपा के विधायकों ने ही दे डाली। हालांकि संगठन की ओर से अभी इस बात की किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इसके बाद शाम होते-होते सभी ने अपनी-अपनी पोस्ट को डिलीट करना भी शुरू कर दिया,
लेकिन पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं अभी जारी हैं।बतादें कि स्वतंत्रदेव सिंह के कैबिनेट में जगह मिलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद इस समय खाली है।
यूपी सरकार का गठन होने के बाद से ही श्रीकांत शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद दिए जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
सबसे अधिक चर्चा ये भी थी कि यूपी से आमचुनाव में बेहतर परिणाम के लिए भाजपा नेतृत्व किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका देने की तैयारी में है।
श्रीकांत शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी के लिए चुनने के पीछे एक कारण यह भी है कि वह मथुरा सदर सीट से विधायक हैं।
भाजपा की राजनीति अब अयोध्या और काशी से हटकर मथुरा पर केंद्रित होने लगी है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रचार के गीतों के साथ ही नेताओं के बयान और भाषणों में मथुरा बार-बार आया।
25 मार्च को राजधानी में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मंच से भी कलाकारों ने अपने गीतों में बार-बार मथुरा को सजाने संवारने का जिक्र किया था।
पार्टी में सक्रिय और भी ब्राह्मण नेताओं के नाम चर्चाओं में आ रहे हैं लेकिन श्रीकांत शर्मा की तेज तर्रार नेता की छवि उन्हें चर्चाओं में आगे बढ़ा रही है।
मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कैबिनेट मंत्री बनने के साथ ही राज्य में भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा
इस पर मंथन होने लगा है। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मंत्रिमंडल का खाका खींचने के दौरान ही भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रदेश संगठन की कमान पर भी मंथन कर लिया है।
पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए ऊर्जा विभाग में सुधार के तमाम प्रयास करने और मथुरा सदर सीट से भारी मतों से जीत हासिल करने के बाद भी श्रीकांत शर्मा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिए जाने को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।