उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के प्रयागराज मंडल के खाते में एक खास उपलब्धि दर्ज हुई है। यह देश का पहला ऐसा मंडल बन गया है, जहां संचालित 338 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में 272 की अधिकतम स्पीड अब 130 किमी प्रतिघंटा हो गई है। यह आंकड़ा भारतीय रेल के सभी 68 रेल मंडलों में सर्वाधिक है। रेलवे अफसरों का दावा है कि वर्ष 2025 में लगने वाले कुंभ मेले के पूर्व प्रयागराज मंडल में चल रही तमाम ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी।
कुछ वर्ष पूर्व प्रयागराज मंडल ट्रेनों की लेटलतीफी के लिए बदनाम था। इसकी वजह यहां क्षमता से ज्यादा ट्रेनों का संचालन और रेलवे के आधारभूत ढांचे के सुधार की धीमी गति थी। कोविड की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन में यात्री ट्रेनों के बंद हो जाने पर एनसीआर के तीनों मंडलों में आधारभूत ढांचा सुधारने के लिए तेजी से काम हुआ। इस दौरान जहां एक ओर अलीगढ़, इटावा, खुर्जा, टूंडला, जूही कानपुर यार्ड आदि की रिमॉडलिंग हुई तो वहीं दूसरी ओर ऑटोमेटिक सिग्नलिंग का काम भी तेजी से हुआ।
पुरानी रेल पटरियों के स्थान पर नई पटरियां बिछाई गईं। इस बीच जोन की बहुत सी ट्रेनों में लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच भी लगाए गए। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सिर्फ प्रयागराज मंडल के ही सात खंडों में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग और 14 स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा किया गया। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी में भी खासा सुधार हुआ।