वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-यूपी के प्रयागराज में डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स बताकर प्लाज्मा सप्लाई करने के मुकदमे में फरार अजय सिंह पटेल की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस को उसके घर का भी पता नहीं मालूम है।
यूपी के प्रयागराज में डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स बताकर प्लाज्मा सप्लाई करने के मुकदमे में फरार अजय सिंह पटेल की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस को उसके घर का भी पता नहीं मालूम है। मोबाइल नंबर की मदद से उसकी जांच चल रही है। कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि अगर उसने मोबाइल सिमकार्ड फर्जी नाम और पते पर खरीदा होगा तो उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस मुकदमे में अजय और अस्पताल कर्मचारी प्रदीप मौर्या फरार है।
पुलिस ने नकली प्लेटलेट्स बेचने के आरोप में 10 आरोपियों को जेल भेजा है। दो फरार हैं। अब तक छानबीन से पता चला है कि गैंग सरगना राघवेंद्र ने शहर के एसआरएन, बेली, कॉल्विन और निजी अस्पतालों के पास खुले लैब और पैथोलॉजी में काम करने वाले कर्मचारियों से सेटिंग की थी। ब्लड बैंक से प्लाज्मा लेने के बाद उसको छह से सात पाउच में भर लेते थे। फिर उस पर प्लेटलेट्स की पर्ची चस्पा कर देते थे। इसके बाद अस्पतालों के पास लैब में काम करने वाले लड़कों को नकली प्लेटलेट्स रखने के लिए देते थे। इससे अस्पतालों के पास ही तीमारदारों को नकली प्लेटलेट्स आसानी से मुहैया कराने में मदद मिलती थी। तत्काल प्लेटलेट्स मिलने के कारण किसी तीमारदार ने पुलिस से शिकायत नहीं की। कोतवाली पुलिस दिवाली के बाद इस प्रकरण में आगे कार्रवाई करेगी।