वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश की योगी सरकार भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाने वाली है। उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया है कि यहां भी मध्य प्रदेश की तरह ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में ही होगी। मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की किताबों का हिंदी में ट्रासलेशन का काम पूरा होने के बाद अब इसको लागू भी किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है। आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे। देश में अभी तक मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी में ही होती रही है। उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में हर स्तर पर पूरी तरह से लागू करने के अभियान में लगी है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ सरकार भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई बड़े कदम उठा रही है। इसी बीच आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस छात्रों के लिए तीन विषयों की हिंदी में पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया। अमित शाह ने इसे इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है। जिसने हिंदी में एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) कोर्स शुरू किया है। अमित शाह ने कहा कि 21 वीं सदी में अंग्रेजों ने 'ब्रेन ड्रेन" का सिद्धांत अपनाया। हमारे बच्चों को उन्होंने अपनी भाषा में शिक्षा देकर ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) किया था। अब मोदीजी ने इसे उलट कर 'ब्रेन गेन"कर दिया है।