वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-न्यूज एजेंसी एएनआई से विशेष बातचीत में हैथम ने कहा कि तेल के आयात में कमी करने के बादवजूद भारत और ओपेक देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। ओपेक देशों से भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं और ऐतिहासिक हैं।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) ने भारत को तेल और गैस की खोज के लिए सबसे उपयुक्त जगह बताया है। ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस ने बेंगलुरु में कहा कि ओपेक और भारत के रिश्ते काफी सॉलिड हैं। हैथम बेंगलुरु में चल रहे भारत ऊर्जा सप्ताह के कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से विशेष बातचीत में हैथम ने कहा कि तेल के आयात में कमी करने के बादवजूद भारत और ओपेक देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। ओपेक देशों से भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं और ऐतिहासिक हैं। इसलिए भारत को जब भी जरूरत होगी ओपेक देश तेल सप्लाई के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा, केवल कच्चा तेल ही नहीं बल्कि ओपेक से जुड़े कई देश एलपीजी पेट्रोलियम प्रोडक्ट भी सप्लाई कर रहे हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह के दौरान भारत और दुनिया भर के ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने तेल और गैस की खोज के लिए भारत को सबसे उपयुक्त गंतव्य बताया।
भारत के लिए और क्या-क्या बोले हैथम?
पेट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन-ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भारत के भविष्य दृष्टिकोण को सुना। ओपेक और इसके सदस्य देश किफायती और सुलभता पूर्ण ऊर्जा सुरक्षा की भविष्य योजना पूरी करने में मदद के लिए भारत के साथ हैं।
हैथम ने कहा कि ग्लोबल मार्केट की स्थिरता के लिए पिछले साल अक्तूबर में सामूहिक तौर पर निर्यात कम करना सही कदम था। इससे वैश्विक बाजार को मजबूती मिली। ओपेक महासचिव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की डिमांड बढ़ी है और अब हम हाईड्रोजन, बायोफ्यूल में निवेश कर रहे हैं। इस क्षेत्र में निवेश की काफी संभावना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था का दायरा लगातार बढ़ रहा है।